अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरे विश्व के राष्ट्रों पर टैरिफ लगाकर अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी देते हुए बोला है कि अमेरिका फिलहाल मंदी के मुहाने पर खड़ा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर जारी दबाव कोविड महामारी से भी ज्यादा दिखाई दे रहा है। यदि जल्दी इसका कोई निवारण नहीं खोजा गया तो अमेरिका में सबसे ज्यादा नौकरियों पर दिखेगा।
मूडीज के चीफ इकनॉमिस्ट मार्क जैंडी ने बोला कि राज्य स्तरीय आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद यह साफ दिख रहा है कि अमेरिका एक बार फिर मंदी के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है। जैंडी ने ही वर्ष 2008 की महामंदी की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। उन्होंने बोला कि आंकड़ों में फिलहाल Covid-19 महामारी से भी ज्यादा बुरा असर दिख रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में राज्यों की भागीदारी एक तिहाई से भी ज्यादा है और आंकड़े बताते हैं कि उनका उत्पादन या तो घटना प्रारम्भ हो गया है अथवा गिरावट की कगार पर है।
क्या है अमेरिका की हालत
जैंडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि इकनॉमी में 33 प्रतिशत की किरदार निभाने वाले राज्यों की हालत खराब है। इसमें से कई राज्य मंदी की चपेट में आ चुके हैं तो कुछ मंदी के मुहाने पर खड़े हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक बार फिर मंदी की चपेट में आने वाली है। इससे पहले वर्ष 2008 में भी मंदी की आरंभ अमेरिका से ही हुई थी। तब भी जैंडी ने ही सबसे पहले मंदी का संभावना व्यक्त किया था।
अमेरिकी नागरिकों पर दोहरी मार
जैंडी ने बोला कि इस बार मंदी अमेरिकी नागरिकों पर दोहरा संकट लेकर आएगी। एक तो महंगाई बढ़ने की वजह से उनकी आवश्यकता की चीजों के मूल्य बढ़ जाएंगे और दूसरा नौकरियों पर संकट पैदा होगा। जाहिर है कि कमाई घटने और खर्चे बढ़ने की वजह से अमेरिकी नागरिकों पर संकट गहरा जाएगा। इन दोनों ही संकटों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। कीमतें अभी से बढ़नी प्रारम्भ हो गई हैं और आम आदमी पर इसका असर दिखना भी प्रारम्भ हो गया है। आगे इसकी डिग्री कितनी गंभीर होगी, इस पर नजर रखनी होगी।
कई राज्य मंदी की चपेट में
जैंडी ने कहा कि अमेरिका के कई राज्य अभी मंदी की चपेट में हैं। कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों पर भी इस मंदी का असर दिख रहा है। इसके अतिरिक्त जिन राज्यों मंदी के संकेत दिखने लगे हैं, उनमें व्योमिंग, मोंटाना, मिनेसोटा, मिसिसिपी, कंसास और मैसाच्यूसेट्स शामिल हैं। इतना ही नहीं वॉशिंगटन डीसी जैसे सबसे अमीर राज्यों पर भी इस मंदी का असर दिख रहा और इसमें सुस्ती आ रही है। सरकारी नौकरियों में भी कटौती हो रही है।
क्या हैं मंदी के संकेत
जैंडी ने कहा कि अमेरिका में महंगाई रेट अभी 2.7 प्रतिशत के आसपास है, जो 4 प्रतिशत तक जा सकती है। इससे कंज्यूमर की पर्चेजिंग पॉवर पर असर पड़ेगा। नौकरी बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2020 यानी कोविड महामारी के बाद यह पहला ऐसा अवसर है, जब 3 महीने के आंकड़े सबसे सुस्त दिखे हैं। वर्ष 2025 में हर महीने नौकरी का औसत आंकड़ा 85 हजार के आसपास है, जो कोरोनाकाल में भी 1.75 लाख के करीब था। इससे पता चलता है कि हालात अभी कोविड महामारी से भी बुरे दौर में हैं।