पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आज शुक्रवार का दिन राज्य की राजनीति के लिए ‘सुपर शुक्रवार’ साबित होने जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के कद्दावर नेता आज चुनावी रणनीति को धार देने और जनता को साधने के लिए मैदान में उतर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह आज शाम 5 बजे पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में एक बड़ी बैठक करेंगे। इस जरूरी बैठक में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल होंगे। यह मीटिंग आनें वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों, संगठन को मजबूत करने, और उम्मीदवारों के चयन सहित गहन चुनावी रणनीति पर केंद्रित रहेगी। अमित शाह का यह दौरा साफ संकेत देता है कि बीजेपी ने बिहार में चुनावी कमान अपने हाथ में ले ली है और जीत सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व सीधे नज़र कर रहा है।
प्रियंका गांधी करेंगे स्त्री संवाद कार्यक्रम
वहीं, दूसरी ओर विपक्षी खेमे से कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज बिहार में स्त्रियों को साधने के लिए मैदान में उतर रही हैं। प्रियंका गांधी पटना स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में स्त्री संवाद कार्यक्रम को संबोधित करेंगी। जिसका उद्देश्य स्त्री मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करना है। इसके अतिरिक्त उनकी एक जरूरी जनसभा मोतिहारी में भी आयोजित की गई है। प्रियंका गांधी की सक्रियता कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन के लिए स्त्री वोट बैंक को साधने का एक बड़ा कोशिश है। जिसे एनडीए की ‘मुख्यमंत्री स्त्री रोजगार योजना’ की घोषणा के बाद और भी जरूरी बताया जा रहा है।
तेजस्वी की दो सभाएं
इन बड़े नेताओं के अतिरिक्त महागठबंधन के प्रमुख चेहरे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी आज चुनावी दौरे पर हैं। तेजस्वी यादव मटिहानी और बछवारा में जनसभाएं करेंगे, जहां वह महागठबंधन के ’10 लाख नौकरियों’ के वादे और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों को उठाएंगे।
पूर्णिया में होंगे ओवैसी
इसके साथ ही मुसलमान वोट बैंक पर पैनी नजर रखने वाले एआईएमआईएम (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी आज पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी की यह जनसभा मुसलमान मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने का कोशिश है। जिससे महागठबंधन के वोटों में सेंधमारी की संभावना बनी रहेगी।
कुल मिलाकर आज का दिन बिहार की राजनीति के लिए काफी गहमागहमी वाला है। जहां एक ओर बीजेपी अपना चुनावी रोडमैप फाइनल कर रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी और आरजेडी रैलियों और संवाद के जरिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं।