विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है – प्रारंभिक चरण 15 सितंबर से 30 सितंबर तक और कार्यान्वयन चरण 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक. सरकारी निर्देशों के अनुरूप, विदेश मंत्रालय ने विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और केन्द्रों के साथ-साथ क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों सहित अपने सभी कार्यालयों को तैयारी अवधि के दौरान विशिष्ट लक्ष्यों की पहचान करने के लिए सूचित किया है.
इनमें आधिकारिक अभिलेखों की समीक्षा और उन्हें सुव्यवस्थित करना, लंबे समय से लंबित जन शिकायतों का निवारण करना, सांसदों और राज्य सरकारों के अनुरोधों का उत्तर देना और संसदीय आश्वासनों को पूरा करना शामिल है. अभियान में सामान्य कार्यालय स्वच्छता, बेहतर कार्यालय प्रबंधन और कार्यस्थलों के सौंदर्यीकरण पर भी ज़ोर दिया गया है. विज्ञप्ति में बोला गया है, “विशेष अभियान दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है. प्रारंभिक चरण 15 सितंबर, 2025 से 30 सितंबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा; इसके बाद कार्यान्वयन चरण 2 अक्टूबर, 2025 से 31 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने अपने सभी कार्यालयों, जिनमें विदेश स्थित मिशन/केंद्र और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय शामिल हैं.
अभिलेखों की समीक्षा; लंबित शिकायतों, सांसदों/राज्य सरकारों के संदर्भों और संसदीय आश्वासनों; स्वच्छता; कार्यालय प्रबंधन; और प्रारंभिक चरण में कार्यालय जगह के सौंदर्यीकरण के संबंध में लक्ष्यों की पहचान करने के लिए सूचित किया है.” विशेष अभियान 5.0 के अनुसार ध्यान का एक जरूरी क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरे) की पहचान और सुरक्षित निपटान होगा. परिचालन लक्ष्यों के साथ-साथ, मंत्रालय पूरे विश्व में अपने राजनयिक मिशनों और केंद्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता गतिविधियाँ भी चलाएगा.